Pushya Nakshatra 2019: आज है पुष्य नक्षत्र, जानिए महत्व, और खरीदारी का शुभ मुहूर्त

नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र को श्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन खरीदारी और दूसरे शुभ कार्य करने का महत्व है। दिपावली के पहले आने वाले पुष्य नक्षत्र को खरीदारी करना अति शुभ माना जाता है। इसलिए इस दिन बाजारों में लोगों का भारी जमावड़ा रहता है। लोग बहीखाते से लेकर सोने-चांदी तक की इस दिन खरीदारी करते हैं। पुष्य नक्षत्र यदि गुरुवार या रविवार को आए तो बहुत शुभ होता है। वैसे तो हर कार्य के लिए अलग-अलग शुभ मुहूर्त होते हैं और इन्ही मुहूर्तों में शुभ कार्य किए जाते हैं।इस बार पुष्य नक्षत्र 21 अक्टूबर सोमवार को है।

पुष्य…

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9 वें दिन मां सिद्धिदात्री की उपासना से सर्वकार्य होते हैं सुलभ

शारदीय नवरात्रि प्रतिपदा से शुरू होकर का नौवे दिन भक्ति के चरम पर पहुंच जाती है। इस दिन माता सिद्धिदात्री की आराधना की जाती है। देवी की आराधना में मन लगाकर आठ दिनों तक भक्तिभाव से परिपूर्ण रहने पर भक्त को नौवे दिन सिद्धियों की प्राप्ति होती है। साधक के सभी कार्य सुलभ हो जाते हैं और जीवन सफलताओं से भर जाता है।

नौवें दिन सिद्धिदात्री को मौसमी फल, हलवा, पूरी, काले चने, ऋतुफल और नारियल का भोग लगाएं। नवरात्रि के दिन देवी आराधना के साथ नवरात्रि की उपासना का समापन किया जाता है। माता सिद्धिदात्री की उपासना से धर्म,…

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भय मुक्त होने के लिए छठवें दिन करें बृज मंडल की अधिष्ठात्री देवी कात्यायनी की पूजा

नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। इनकी कृपा से ही सारे कार्य पूरे हो जाते हैं। मां कात्यायनी की भक्ति और उपासना द्वारा मनुष्यों को बड़ी सरलता से अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति हो जाती है। नवरात्रि के छठे दिन देवी कात्यायनी के रूप में मां दुर्गा की पूजा का बहुत महत्व है। योगियों और साधकों द्वारा इस दिन पर आज्ञा चक्र पर तपस्या की जाती है। इस दिन पर पूजा करने पर मां को मानव के प्रस्ताव से सब कुछ मिल जाता है और वह अपने भक्त को आशीर्वाद देती हैं।…

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ऐसे करें कलश स्थापना, जानें सही पूजन विधि; फिर मंत्रों से पाएं इच्छित फल

ख़ास बातें

  •  शारदीय नवरात्रि अधर्म पर धर्म और असत्‍य पर सत्‍य की विजय का प्रतीक है.
  •  जो जीवात्मा, भूताकाश, चित्ताकाश और चिदाकाश में सर्वव्यापी है, वही मां ब्रह्मशक्ति है.
  •  विधि-विधान से की गई पूजा और मंत्रों के उच्चारण से सिद्ध होते हैं अभिष्ट.

नई दिल्ली:  

शारदीय नवरात्रि को मुख्‍य नवरात्रि माना जाता है. नवरात्रि में नव का अर्थ है नया और रात्रि का अर्थ है यज्ञ-अनुष्ठान अर्थात नया अनुष्ठान. शक्ति के नौ रूपों की आराधना नौ अलग-अलग दिनों में करने के क्रम को ही नवरात्रि कहते है. शास्त्रों के मुताबिक जो जीवात्मा, भूताकाश, चित्ताकाश और चिदाकाश में सर्वव्यापी…

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पहला नवरात्र आज, लाल वस्त्र धारण कर करें माँ शैलपुत्री की पूजा

नवरात्रि में आहार और दिनचर्या का विशेष महत्व है. बिना इसके नवरात्रि का शुभ फल नहीं मिल सकता. नवरात्रि के पहले दिन का महत्व क्या है और इस दिन देवी के किस स्वरुप की उपासना की जाती है? नवरात्रि वर्ष में चार बार पड़ती है- माघ, चैत्र, आषाढ़ और आश्विन. नवरात्रि से वातावरण के तमस का अंत होता है और सात्विकता की शुरुआत होती है. मन में उल्लास, उमंग और उत्साह की वृद्धि होती है.

दुनिया में सारी शक्ति, नारी या स्त्री स्वरुप के पास ही है. इसलिए इसमें देवी की उपासना ही की जाती है. नवरात्रि के प्रथम दिन…

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